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BSP नेता को मायावती ने दिखाया बाहर का रास्ता, राहुल गांधी के खिलाफ बोले थे
बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रीय संयोजक जय प्रकाश सिंह को पार्टी से निकाल दिया है. मायावती ने कहा कि मुझे जय प्रकाश सिंह के भाषण के बारे में पता चला था कि उन्होंने पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध बात की है.

आशा चौधरी
नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रीय संयोजक जय प्रकाश सिंह को पार्टी से निकाल दिया है। मायावती ने कहा कि मुझे जय प्रकाश सिंह के भाषण के बारे में पता चला था कि उन्होंने पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध बात की है और विरोधी पार्टी के नेतृत्व पर निजी टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका निजी मत है इसलिए तत्काल प्रभाव से उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। आपको बता दें कि सोमवार को लखनऊ में बसपा जोन स्त्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान जय प्रकाश सिंह ने वंशवादी राजनीति पर हमला बोला था।
मायावती ने बाक़ी पार्टी नेताओं को एक तरह से चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक गठबंधन नहीं हो जाता। तब तक बयानबाज़ी से बचना चाहिए। इससे पहले लोकसभा चुनावों की तैयारी से जुड़े पार्टी के एक कार्यक्रम में बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह ने आने वाले चुनावों में मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताया था।
उन्होंने मायावती को देश की सबसे बड़ी दलित नेता बताया था। साथ ही ये भी कहा था कि उनके साथ बाक़ी समुदाय भी मज़बूती के साथ खड़ा है। इसके अलावा जयप्रकाश ने राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर भी सवाल खड़े किए थे। बीएसपी से निकाले गए नेता ने कहा था कि राहुल गांधी की मां विदेशी मूल की हैं और उनकी शख़्सियत पर मां का प्रभाव ज़्यादा है इसलिए वो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते।
जय प्रकाश सिंह ने कहा था कि अगर राहुल गांधी राजीव गांधी के नक्शे कदम पर चलते तो एक बार को राजनीति में जरूर सफल हो जाते लेकिन वो अपनी मां सोनिया गांधी के पीछे चले गए। वो विदेशी हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि राहुल गांधी कभी भारतीय राजनीति में सफल नहीं हो सकते।
इस जोन स्त्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में जय प्रकाश सिंह ने कहा था कि गाय एक अच्छा पशु हो सकती है, कम खा कर ज्यादा दूध देने वाली हो सकती है लेकिन गाय किसी कि माता नहीं हो सकती। माता वो ही हो सकती है जिसने हमें जन्म दिया है। गाय तुम्हारी माता होगी, हमारी माता तो वो है जिसने हमें जन्म दिया।
वहीं मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में जब तक पार्टी किसी औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं करती है, तब तक पार्टी के नेताओं को आदेश दिया गया है कि वो किसी भी स्तर पर गठबंधन के बारे में कुछ न बोलें। उन्हें ये बात हाईकमान के ऊपर छोड़ देनी चाहिए।