
सुनील चौधरी
मेरठ। मेरठ कॉलेज के छात्रों ने देश ही नहीं विदेशों में भी नाम जमाया है यहां के छात्र प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्य चुनाव आयुक्त, जैसे जिम्मेदार पदों पर रहे हैं, आज शिक्षा का माहौल को सुधरने की जरूरत पैदा हो गई है।
कालेज प्रशासन ने तय किया है कि अब कोई भी छात्रा कॉलेज में मुँह पर कपड़ा बांध कर नहीं आएगीे। केवल वहीं छात्र व छात्राएं आ सकेंगी जिनके पास परिचय पत्र होगा, इसके लिए अचानक चैकिंग की जा रही है इस कुछ छात्राओं ने समर्थन किया है तो कुछ की मिलीजुली राय है।
मेरठ कॉलेज मेरठ का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है। इस कॉलेज देश के प्रधानमत्री रहे चौधरी चरण सिंह, मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, कई राज्यपाल और वर्त्तमान में बिहार के राजयपाल सत्यपाल मलिक ने यहाँ पर शिक्षा ली है।
यहीं नहीं कुछ छात्रों में विदेशो में रहकर इस इस कालेज की शान में चार चाँद लगाए हैं लेकिन अभी कुछ सालों से पढाई का स्तर नीचे आया है।
इसी को ध्यान में रखते हुए कालेज प्रशासन में कड़े कदम उठाये हैं। अब कोई छात्रा मुँह पर कपड़ा बांधकर कालेज में नहीं आ सकेंगी। रही पहनावे की बात ये भी तय किया गया है कि शालीन कपडे पहनकर की आना होगा।
कॉलेज की प्रिन्सिपल और चीफ प्रॉक्टर का कहना है कि जिस छात्र या छात्रा पर कालेज का परिचय पत्र नहीं होगा उसको कालेज में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा।
कॉलेज प्रशासन की इस फैसले से छात्राओं की मिली जुली राय सामने आई है। छात्राओं का कहना है कि यहाँ पर पढाई करने के लिए आते है ना कि घूमने के लिए। इसलिए कालेज प्रशासन का ये कदम सही है। कुछ छात्राओं का मानना है कि सड़कों पर हर तरह लोग रहते हैं। इस मुँह पर कपडे बंधे होने से बुरी नज़र से बचाव होता है लेकिन कॉलेज में कपड़ा नहीं होना चाहिए ।