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CBI करेगी एटीएस एएसपी राजेश साहनी की मौत की जांच, योगी सरकार ने लिया फैसला

आशुतोष त्रिपाठी
लखनऊ। यूपी एटीएस के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश साहनी की मौत पर उठ रहे सवालों को देखते हुए राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सीबीआई जांच की सिफारिश का पत्र बुधवार देर रात केंद्र सरकार को भेज दिया गया। योगी ने बुधवार देर शाम प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी ओम प्रकाश सिंह को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली। डीजीपी ने बताया कि खुदकुशी का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच का निर्देश दिया। इससे पहले दिन भर जांच और एफआईआर को लेकर सस्पेंस बना रहा। देर शाम डीजीपी ने लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण को मामले की जांच करने के लिए कहा था। गौरतलब है कि साहनी ने मंगलवार को दिन में पौने एक बजे गोमतीनगर स्थित एटीएस मुख्यालय में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
उठ रहे थे कई सवाल
राजेश साहनी छुट्टी में आफिस क्यों आए? क्या उनको किसी अफसर ने बुलाया था?
गोली चलने की आवाज किसी को सुनाई क्यों नहीं दी
जिस समय घटना हुई आफिस में कौन-कौन था?
24 घंटे के बाद भी इन सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है। पीपीएस एसोसिएशन ने की थी निष्पक्ष जांच की मांग एटीएस मुख्यालय में साहसी अफसर साहनी की खुदकुशी की घटना के बाद से तरह तरह की बातें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि काम का अधिक दबाव होने के कारण साहनी छुट्टियां स्वीकृत होने के बाद भी आफिस आ रहे थे। पीपीएस एसोसिएशन ने बुधवार को इस मामले में बैठक कर मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। साहनी के मोबाइल से खुलेगा रहस्य सूत्रों का कहना है कि साहनी की मौत का राज उनका मोबाइल खोल सकता है। मोबाइल की शुरुआती जांच में पारिवारिक कलह की बात सामने आई है। राजेश के मोबाइल से कुछ मैसेज भी पुलिस ने लिए हैं। व्हाट्स एप मैसेंजर पर पत्नी व बेटी से 29 मई को दिन में 12:28 मिनट तक बात की गई है। डीजीपी ने बुधवार को जांच एडीजी जोन को सौंप दी थी। तफ्सीली जांच में ही इसका खुलासा हो सकेगा कि आखिर में किसको मैसेज किया गया और क्या रिप्लाई आया।