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अध्यादेश के बावजूद प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जारी!

शानू रैकवार
कानपुर नगर। सीएम योगी और शिक्षामंत्री ने कुछ दिन पहले प्राईवेट स्कूल पर नकेल कसने के लिए कैबिनेट में एक अध्यादेश पारित कर उसके पालन का आदेश दिया था। लेकिन एक भी स्कूल संचालकों ने उस पर अमल नहीं किया। मनमानी फीस, टॉयलेट, हवा, पानी, कॉपी-किताबों के साथ ड्रेस के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं। कैंट स्थित स्कूलों के अभिभावकों ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें स्कूलों के द्वारा किया जा रहा अध्यादेश के उल्लंघन करते हुए मनमानी फीस वृद्धि के बारे में अवगत कराया। मंत्री सतीश महाना ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि वह मंडलायुक्त से इस बारे में चर्चा करेंगे तथा उन्होंने लिखित में भी मंडलायुक्त को अध्यादेश का पालन करवाने का आदेश दिया।
अध्यादेश के नाम पर खानापूर्ति
अभिभावक संघ का आरोप है कि इस अध्यादेश के बावजूद कोई बड़ी राहत मिलते नहीं दिख रही है। उनकी गणना के मुताबिक 15 हजार रूपये प्रति तिमाही फीस देने वाला बच्चा बारहवीं कक्षा पास होने तक 18 लाख रूपये केवल फीस के रूप में देगा और यूनीफार्म व कापी किताब मिलाकर 20 से 25 लाख तक का खर्च आयेगा। करण महेश्वरी ने बताया कि यूपी सरकार के इस अध्यादेश से बेहतर प्रावधान 2009 में मायावती सरकार द्वारा जारी शासनादेश में थे जिसके खिलाफ स्कूल मैनेजमेण्ट एकजुट होकर स्टे ले आये थे। कहा, बेहतर रहता यदि योगी सरकार इस अध्यादेश की बजाय स्टे को खारिज कराकर उस शासनादेश को लागू करने की कवायद करती।